আদি ও আসল বৃহৎ লাল কিতাব
কহুঁ তুছে সুনু সর্বনাশী মেরী গাংসী।।
ওয়র বেল্ করে তুঁ কিতনা ওমান।
কাহে নাহী ছোড়তী ইয়হ জান স্থান।।
ইয়দি চাহৈ তুঁ রখনা অপ্না মান।
পল্ মে ভাগ্ কলাশ লৈ অপনো প্ৰাণ৷৷
আদেশ দেওয়ী কামরু কামাক্ষ্য মাঈ।
আদেশ হাড়ি দাসী চণ্ডী কী দুহাঈ৷৷
বিধি—ডাইন, চুড়ৈল ও প্রেতিনী আদি দ্বারা প্রভাবিত রোগীকে সুস্থ করার
জন্য ২১ (একুশ) বার উপরোক্ত মন্ত্র পাঠ করতে করতে ফুঁ দিতে হবে। স্মরণ
থাকে যে, এই মন্ত্র প্রয়োগ একে সিদ্ধ করার পরই উপযুক্ত হবে। দশহরার দিনে
১০৮ (একশত আট) বার মন্ত্র জপের দ্বারা মন্ত্র সিদ্ধি হয়ে যায়।
The original and original Big Red Book
Kahun Tuche Sunu Sarbanashi Meri Gangsi..
War bell ke tu kitna oman.
Kahe nahi chhorati yah jaan sthana..
You can keep your own values if you want.
Pal me bhaag kalash lai apano prana
Adhesh Dewi Kamru Kamaksya Mai.
Order Hari Dasi Chandi Ki Duhai
Vidhi—To cure patients affected by witches, chuoil and pretini adi
For 21 (twenty one) times the above mantra should be recited and blown. remembrance
However, application of this mantra will be appropriate only after it has been completed. On the day of Dasahara
Chanting the mantra 108 (one hundred and eight) times completes the mantra.
मूल और मूल बिग रेड बुक
कहूं तुचे सुनु सर्बनाशी मेरी गंगसी..
वॉर बेल के तू कितना ओमान.
काहे नहीं छोरती यह जान स्थान..
आप चाहें तो अपने स्वयं के मूल्य रख सकते हैं।
पल में भाग कलश लै अपणो प्राण
आदेश देवि कामरू कामक्ष्य माई।
आदेश हरि दासी चंडी की दुहाई
विधि- डायन, चुडैल और प्रेतनी आदि से प्रभावित रोगियों को ठीक करने के लिए
इसके लिए उपरोक्त मंत्र को 21 (इक्कीस) बार पढ़ते हुए फूंक मारनी चाहिए। याद करना
हालाँकि इस मंत्र का प्रयोग पूर्ण होने के बाद ही करना उचित होगा। दशहरा के दिन
मंत्र का 108 (एक सौ आठ) बार जाप करने से मंत्र पूर्ण हो जाता है।